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10 Jun 2023 · 1 min read

रहने दो

मौत को बेवफा ही रहने दो,
जिंदगी को भी बात कहने दो।
बावफा माना जिंदगी भी नहीं
सुख दुःख को साथ रहने दो।

आ संजो मिल ख्वाब उज्ज्वल,
रात को आज रात रहने दो।
आज लगने दो नज़रों को नज़र
दिल के जज़्बात आज कहने दो।

तेरी बाहों का झूला सावन सा,
है माना ये ख्वाब,ख्वाब रहने दो।
हसरतें पलने दो नवल नीलम
कुछ तो नज़रों को बात कहने दो।
नीलम शर्मा ✍️

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