रहने दे तू मेरे पास तो है
रहने दे तू मेरे पास तो है
हक़ीक़त में नही बीते हुए
पल की यादों में मेरे साथ तो है
तुझसे जुड़े आज भी ज़िंदा
मेरे ज़हन में दबे हुए कुछ जज्बात तो है
टूट चुके है कुछ पत्ते डाल से तो क्या हुआ
नई कोपलें उभर आएगी
कुछ बची ज़हन में जिंदा आस तो है
कुछ पल साथ रहने का
मीठा एहसास तो है