रहनुमा मिल गया
इस ज़माने को इक रहनुमा मिल गया
आप जब मिल गए फिर खुदा मिल गया
सर पे साया भला आपका मिल गया
खुल्द का दर हमें फिर खुला मिल गया
राहे मुश्किल में भी हौसला मिल गया
आप के नाम से रास्ता मिल गया
फर्क इससे बड़ा और क्या चाहिए
कुफ़ो ईमान में फ़ासला मिल गया
इश्क़ की जब हदों से गुजरते गए
दर्द सब मिट गए, आसरा मिल गया
होश में अब न ‘अरशद’ कभी आएंगे
मुस्तफा नाम का जब नशा मिल गया