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30 Dec 2024 · 1 min read

रहते हैं हम जमीं पे और आसमां की ऊंचाई इक सपना है।

रहते हैं हम जमीं पे और आसमां की ऊंचाई इक सपना है।
करते हैं गर्व खुद पे जो आसमां की ऊंचाई पे कोई अपना है।

…. अजित कर्ण ✍️

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