रहते हैं हम जमीं पे और आसमां की ऊंचाई इक सपना है।
रहते हैं हम जमीं पे और आसमां की ऊंचाई इक सपना है।
करते हैं गर्व खुद पे जो आसमां की ऊंचाई पे कोई अपना है।
…. अजित कर्ण ✍️
रहते हैं हम जमीं पे और आसमां की ऊंचाई इक सपना है।
करते हैं गर्व खुद पे जो आसमां की ऊंचाई पे कोई अपना है।
…. अजित कर्ण ✍️