रस्सा कशी सत्ता की ..
युग बदला, समय भी बदला ,
बदला न सत्ता का मोह ।
नेताओं में आज भी कुर्सी हेतु ,
रस्साकशी होती और होता परस्पर विद्रोह ।
युग बदला, समय भी बदला ,
बदला न सत्ता का मोह ।
नेताओं में आज भी कुर्सी हेतु ,
रस्साकशी होती और होता परस्पर विद्रोह ।