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4 Jan 2019 · 1 min read

रस्तोगी की आधुनिक कुंडलियाँ –आर के रस्तोगी

हलधर बने कवि,खेती अब कौन करेगा
जब न होगी खेती,देश भूखा ही मरेगा
देश भूखा ही मरेगा,अकाल पड जायेगा
बंगाल के अकाल की हमे याद दिलायेगा
कह रस्तोगी कविराय,सुनो सभी कविवर
बन जाओ सभी कवि,देश के अब हलधर

राम नाम की सब लूट है,लूट सके तो तू लूट
अन्तकाल पछतायेगा जब प्राण जायेगे छूट
जब प्रण जायेगे छूट,तब तू कैसे याद करेगा
अपने पापो का प्रायश्चित तब तू कैसे करेगा
कह रस्तोगी कविराय,लेले प्रभु का अभी नाम
बेडा तेरा पार करेगे.केवल अब प्रभु श्री राम

चुनाव् जब आते है,आती है मंदिर की याद
इससे पहले कोय न करत मंदिर की फ़रियाद
मंदिर की फरियाद,मंदिर कब और कहाँ बनेगा
भूल जायेगे मंदिर फिर इसको कौन याद करेगा
कह रस्तोगी कविराय,क्यों करते हो मन मुटाव
मंदिर जब बन जाये,तब तुम करो सभी चुनाव

राजा राणा छत्रपति,हाथिन के सब सवार
मरना सबको एक दिन अपनी अपनी बार
अपनी अपनी बार,बंदे कुछ नेक काम करले
रह जायेगा यहाँ सब कुछ,हाथो से दान करले
कह रस्तोगी कविराय,मौत का बज रहा बाजा
जाना सबको एक दिन,चाहे रंक हो या राजा

मोदी के खिलाफ हो गये,गठबन्धन के सब लोग
अपनी आपनी ढपली बजा रहे ये कैसा है सयोंग
ये कैसा है सयोंग,कोई किसी की नहीं सुनता
पार्टी का हर नेता,पी एम के सपने है बुनता
कह रस्तोगी कविराय,नेताओ की अक्ल है मोटी
अगर तुम में अक्ल है,दिखाओ बन कर मोदी

आर के रस्तोगी
9971006425

1 Like · 1 Comment · 237 Views
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