Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 May 2017 · 1 min read

रमेशराज की एक हज़ल

बोलै मति हमकूँ ठलुआ,
हमतौ चाकी के गलुआ, जै राधे की।

प्रेम-बाँसुरी बजा रहे हम
हमकूँ कहियो मत कलुआ, जै राधे की।

बूँद-बूँद यूँ दिन-भर टपकें
नैना सरकारी नलुआ, जै राधे की।

साली मुस्का ऐसे बोली
जीजा तुम रहे रहलुआ, जै राधे की।

द्यौरानी भी यार जेठ को
होली पै बोलै ‘ललुआ’, जै राधे की।
+ रमेशराज +

399 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Dr Arun Kumar shastri एक अबोध बालक
Dr Arun Kumar shastri एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बड़े सलीके, सुकून और जज़्बात से
बड़े सलीके, सुकून और जज़्बात से
इशरत हिदायत ख़ान
समझ
समझ
अखिलेश 'अखिल'
Genuine friends lift you up, bring out the best in you, and
Genuine friends lift you up, bring out the best in you, and
पूर्वार्थ
गुलाल का रंग, गुब्बारों की मार,
गुलाल का रंग, गुब्बारों की मार,
Ranjeet kumar patre
यकीन का
यकीन का
Dr fauzia Naseem shad
समस्याओं से भागना कायरता है
समस्याओं से भागना कायरता है
Sonam Puneet Dubey
अच्छा लगना
अच्छा लगना
Madhu Shah
रिमझिम रिमझिम बारिश में .....
रिमझिम रिमझिम बारिश में .....
sushil sarna
नज़र नहीं आते
नज़र नहीं आते
surenderpal vaidya
बेशक प्यार उनसे बेपनाह था
बेशक प्यार उनसे बेपनाह था
Rituraj shivem verma
सगीर की ग़ज़ल
सगीर की ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
क्या करना उस मित्र का, मुँह पर करता वाह।
क्या करना उस मित्र का, मुँह पर करता वाह।
डॉ.सीमा अग्रवाल
सुबह का नमस्कार ,दोपहर का अभिनंदन ,शाम को जयहिंद और शुभरात्र
सुबह का नमस्कार ,दोपहर का अभिनंदन ,शाम को जयहिंद और शुभरात्र
DrLakshman Jha Parimal
ज़िम्मेदार ठहराया गया है मुझको,
ज़िम्मेदार ठहराया गया है मुझको,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"हा हा हा हा"
Dr. Kishan tandon kranti
सागर की लहरों
सागर की लहरों
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
*जानो होता है टिकट, राजनीति का सार (कुंडलिया)*
*जानो होता है टिकट, राजनीति का सार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
रतन टाटा जी की बात थी खास
रतन टाटा जी की बात थी खास
Buddha Prakash
ग़ज़ल _ खुशी में खुश भी रहो ,और कामना भी करो।
ग़ज़ल _ खुशी में खुश भी रहो ,और कामना भी करो।
Neelofar Khan
संवेदनहीनता
संवेदनहीनता
संजीव शुक्ल 'सचिन'
उम्र के हर एक पड़ाव की तस्वीर क़ैद कर लेना
उम्र के हर एक पड़ाव की तस्वीर क़ैद कर लेना
'अशांत' शेखर
प्रेम
प्रेम
Sushmita Singh
अंधकार जो छंट गया
अंधकार जो छंट गया
Mahender Singh
कोरे कागज़ पर
कोरे कागज़ पर
हिमांशु Kulshrestha
जुदाई की शाम
जुदाई की शाम
Shekhar Chandra Mitra
किसने कहा, आसान था हमारे 'हम' से 'तेरा' और 'मेरा' हो जाना
किसने कहा, आसान था हमारे 'हम' से 'तेरा' और 'मेरा' हो जाना
Manisha Manjari
3267.*पूर्णिका*
3267.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बदलती फितरत
बदलती फितरत
Sûrëkhâ
मां
मां
Dr.Priya Soni Khare
Loading...