“रब बदल गया”
जब चाहा जी तब बदल गया
थोङा सा नहीं सब बदल गया
ढब बदला तूने जीवन का
अब कहता है रब बदल गया
खुदगर्ज हुआ आदम तेरे
जीने का मतलब बदल गया
है याद तुझे या भूल चुका
तू कितनी मरतब बदल गया
“मासूं” मेरे हाथों से कब
तेरे हाथों सब बदल गया
कुदरत कैसे न बदले अब
जब तेरा करतब बदल गया
मोनिका “मासूम”
मुरादाबाद