रब तेरा आदमी बड़ा झूठा है
मन मेरा हज़ारों बार टूटा है
रब तेरा आदमी बड़ा झूठा है
आदमी विराने में खो जाता है
सच पर झूठ हावी हो जाता है
सच आने में देर हो जाता है
झूठा क्षणिक शेर हो जाता है
लुटेरों ने सच्चाई को लूटा है
रब तेरा आदमी बड़ा झूठा है ।
बेशर्मों की तरह हंसते रहते हैं
खुद की तारीफ करते रहते हैं
वे बिल्कुल चिकने से घड़े है
कामचोर,ढीठ ठाट से पड़े हैं
कोई भी ऐब ना उनसे छूटा है
रब तेरा आदमी बड़ा झूठा है।
बातों में सबको लपेट लेता है
फायदे की चीज समेट लेता है
ना किसी का सम्मान करता है
ना रब का गुणगान करता है
तेरे दर पे दुवा का हाथ उठा है
रब तेरा आदमी बड़ा झूठा है।
नूर फातिमा खातून नूरी
जिला कुशीनगर
उत्तर प्रदेश