रपटा घाट मंडला
रपटा घाट का नर्मदा का किनारा
जो हम सबको लगे बड़ा ही प्यारा
नर्मदा मैया हमारे जीवन का सहारा
क्यों ना लगाएं हम मैया का जयकारा
मैया के चरणों में हो जाए जीवन पावन
चाहे बसंत हो शरद हो या सावन
सवेरे रपटा घाट में करते ओम स्नान पूजन
मंदिरों में बजती हैं घंटियां और होते हैं भजन
ओमप्रकाश भारती ओम्