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1 Jun 2023 · 1 min read

रणक्षेत्र बना अब, युवा उबाल

रणक्षेत्र बना अब, युवा उबाल
शासन की हठधर्मिता, नव चाल
जागो अधिकारों पर ला दो,फिर ज्वाला
सबसे कह दो,युवा , युवा मतवाला ……

सम्मान जब नाक की बाली बन जाए
अधिकारों का फिर हनन हो जाए
खुद्दारी का पहने परिधान,राजतंत्र ने फिर ठाना
युवा सीना आगे बढ़ कर बोलो,

मैं वीर नहीं ,महावीर का घोटा…………

सद्कवि- प्रेमदास वसु सुरेखा

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