Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Mar 2022 · 1 min read

*रठौंडा शिव मंदिर यात्रा*

रठौंडा शिव मंदिर यात्रा
■■■■■■■■■■■■■■■■■■
रामपुर । पाँच अगस्त 2015 बुधवार | सावन का महीना चल रहा है। अगस्त/सावन का पहला बुधवार है। अकस्मात चाय पीते-पीते धर्मपत्नी श्रीमती मंजुल रानी ने प्रस्ताव रखा कि रठौंडे के शिव मंदिर चला जाए। मैंने घड़ी की तरफ देखा । शाम के चार बजकर दस मिनट थे। तुरन्त दस मिनट के भीतर हम लोग रठौंडे की तरफ चल पड़े।
रास्ता सीधा-सादा था। शहर से सिविल लाइंस ,वहाँ से मोदी होटल/स्कूल – फिर धमोरा गाँव-कस्बा / फिर लगभग सुनसान जंगल-खेत/ फिर रठौंडा गाँव-कस्बा / यहीं पर प्रवेश करते ही मन्दिर का शिखर दूर से दिख जाता है।
आसमान में बादल छाए थे। रठौंडा- धमोरा आदि क्षेत्र काले घने बादलों से घिरा था। चारों तरफ हरियाली छाई थी। रास्ते में किसी जगह शायद पानी भी पड़कर चुका ही था ।
मंदिरर पहुँचे तो परम शांति थी। मनोरम वातावरण था। जब हम मंदिर के भीतर गए, तो हमारे साथ-साथ एक सज्जन-कुछ वृद्ध आयु से- हमारे साथ आ गए। यह श्री रामस्वरूप शर्मा जी थे,जो मन्दिर के पुजारी थे। उन्होंने हमें तिलक लगाया। प्रसाद दिया।
रामस्वरूप जी के पिता स्वर्गीय श्री रतनलाल जी की मूर्ति मन्दिर-परिसर में स्थापित है। आपके पूर्वज अनेक पीढ़ियों से पुजारी का दायित्व निर्वहन कर रहे हैं। आप लोग ग्वालियर स्टेट से यहाँ आए थे। तब रठौंडा ग्वालियर स्टेट में पड़ता था – ऐसा श्री शर्मा जी ने बताया । शाम घिरने लगी थी। हम साढ़े छह तक घर आ गए ।

774 Views
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

*हनुमान (बाल कविता)*
*हनुमान (बाल कविता)*
Ravi Prakash
जवाब आया
जवाब आया
सिद्धार्थ गोरखपुरी
*आ गई है  खबर  बिछड़े यार की*
*आ गई है खबर बिछड़े यार की*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
भावों की सरिता
भावों की सरिता
Neerja Sharma
"महामंत्र है स्वच्छता"
Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे
ज़िंदगी में एक ऐसा दोस्त ज़रुर होना चाहिए,
ज़िंदगी में एक ऐसा दोस्त ज़रुर होना चाहिए,
पूर्वार्थ
आह और वाह
आह और वाह
ओनिका सेतिया 'अनु '
शब्द नाद   ....
शब्द नाद ....
sushil sarna
"बेहतर आइडिया"
Dr. Kishan tandon kranti
ख़ुद की खोज
ख़ुद की खोज
Surinder blackpen
हिंदुत्व अभी तक सोया है, 2
हिंदुत्व अभी तक सोया है, 2
श्रीकृष्ण शुक्ल
श्रीगणेशा!आमंत्रण मेरा स्वीकार करो
श्रीगणेशा!आमंत्रण मेरा स्वीकार करो
Sudhir srivastava
सब भूल गये......
सब भूल गये......
Vishal Prajapati
ले आए तुम प्रेम प्रस्ताव,
ले आए तुम प्रेम प्रस्ताव,
Bindesh kumar jha
धनुष वर्ण पिरामिड
धनुष वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
मोक्ष
मोक्ष
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
दो लॉयर अति वीर
दो लॉयर अति वीर
AJAY AMITABH SUMAN
पारिवारिक व्यथा
पारिवारिक व्यथा
Dr. P.C. Bisen
शब्दहीन स्वर
शब्दहीन स्वर
Jai Prakash Srivastav
अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं
अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
अंतर
अंतर
Khajan Singh Nain
ईमानदार,शरीफ इंसान को कितने ही लोग ठगे लेकिन ईश्वर कभी उस इं
ईमानदार,शरीफ इंसान को कितने ही लोग ठगे लेकिन ईश्वर कभी उस इं
Ranjeet kumar patre
अंगड़ाई
अंगड़ाई
भरत कुमार सोलंकी
बस तुम्हारे ही सपने संझोते रहे।
बस तुम्हारे ही सपने संझोते रहे।
Abhishek Soni
जोड़ियाँ
जोड़ियाँ
SURYA PRAKASH SHARMA
तितली तुम भी आ जाओ
तितली तुम भी आ जाओ
उमा झा
हमसे भी अच्छे लोग नहीं आयेंगे अब इस दुनिया में,
हमसे भी अच्छे लोग नहीं आयेंगे अब इस दुनिया में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जो लड़ाई ना जीती जा सके बयानों से..
जो लड़ाई ना जीती जा सके बयानों से..
Shweta Soni
3953.💐 *पूर्णिका* 💐
3953.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
..
..
*प्रणय*
Loading...