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13 Jul 2022 · 1 min read

रजनी कजरारी

चर चर चर चर की ध्वनि
मंद मंद महकती सुगंध
सिली सिली बुदबुदाती समीर
मचलती है रजनी कजरारी,
लहलहाते खेतों की महक
टिमटिमाते सितारों की दमक
लालिमा से नहाया अर्द्ध चंद्रमा
बढ़ाए जाता मीनू की बेकरारी,
निशा की खामोशी ना हो बयां
उजाले संग खेलती विरानियां
धूमिल छवि अंबर की सताए
पूनिया तो अपना सर्वस्व हारी,
शांत, सुगंधित, ऊर्जावान क्षण
सनसनाहट का संगीत गुदगुदाए
धरा ने ओढ़ी चूनर हरियाली की
रजनी कजरारी लगती है प्यारी।

Language: Hindi
1 Like · 400 Views
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