*!* रचो नया इतिहास *!*
रचो नया इतिहास कि जग, कोना – कोना आलोकित हो
झंडे गाढ़े वही तुम्हारे, खफा रहा था तुम से जो
रचो नया इतिहास………
1) साधारण से कर्मों से, तू भी साधारण बनता है
सभी को तू नाचीज़ लगे, तेरा ओहदा न उच्चा तनता है
अपने हुनर का 100℅(प्रतिशत) तुम, इस जग को दे दो
रचो नया इतिहास………..
2) माता – पिता या भाई – बहन, तुझे कोई नहीं संभालेगा
उच्च शिखर तेरी राह निहारें, डर तू न दिल में पालेगा
लड़जा भिड़जा बाधाओं से, जाग इसी पल अब न सो
रचो नया इतिहास……….
3) मार दे आलस छोड़ दे तृष्णा, निस्वार्थ अंगारा बन
विश्व गुरु का वंशज है तू, राह भले की तेरा धन
तुझ पर नाज करे संसारा, धैर्य न तिलभर अपना खो
रचो नया इतिहास…..
लेखक:- खैमसिंह सैनी
M.A, B.Ed Rajasthan
Mo.No. 9266034599