रचें मधुभाव भरे हम छंद
आधार छंद – मोतियदाम(मापनीयुक्त वर्णिक छंद)
मापनी- लगाल लगाल लगाल लगाल।(12 वर्ण)
ध्रुव शब्द- “भाव”
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रचें मधुभाव भरे हम छंद।
सुवासित ज्यों महके गुलकंद।।
रचें बहु सुंदर-सुंदर गीत।
तपाकर ज्यों निकले नवनीत।।(१)
गढ़ें मसि लेकर भाव पुनीत।
समाज सुधार भरे शुभगीत।।
बढ़े कवि की जिससे पहचान।
करे जनता उसका गुणगान ।।(२)
-जगदीश शर्मा सहज,
अशोकनगर