Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Nov 2016 · 1 min read

रचा नहीं कोई गीत नया

हुए बहुत दिन सुनो दोस्तो,
रचा नहीं कोई गीत नया ।

किसी साँप की तरह रेंगता,
ग़ुजर रहा है , दिन मेरा ।
विच्छू जैसा डंक उठाये ,
अस्थिर है , मेरा डेरा ।
कछुए जैसा सिर भीतर कर,
मैं चुपचाप चला जाता हूँ ,
कहीं कभी भी कोई मिलेगा,
मेरे मन का मीत नया ।

छिपकलियों-सा लगा भीत पर,
ज़हरीले दिन का पहरा ।
तिलचट्टे-सी रात ग़ुजरती ,
अंधकार होता गहरा ।
दीमक जैसा चट कर जाता,
मेरे मन की गहराई ,
कहीं थाह न मिलती मुझको,
कहीं न मिलता प्रीत नया ।

चमगादड़-सा उलटा लटका ,
मेरे मन का लक्ष्य यहाँ ।
गिरगिट जैसा रंग बदलता ,
मेरा हरएक मित्र जहाँ ।
किसी लीख-सा मैं चिपका हूँ,
असमय पकते बालों से ,
फिर भी हिम्मत है,आशा है ,
मन को होगा दीद नया ।

कुत्ते जैसा पूँछ हिलाता ,
खोई वफ़ा मैं सूँघ रहा हूँ ।
उल्लू-सा मैं सुंदर रातें ,
व्यर्थ जाग कर ऊँघ रहा हूँ।
कभी खिलेंगे फूल बाग में ,
कभी चलेगी हवा यहाँ ,
तेरी ! करूणा जब बरसेगी,
बन जाएगा गीत नया ।

हुए बहुत दिन सुनो दोस्तो,
रचा नहीं कोई गीत नया ।

Language: Hindi
Tag: गीत
2 Likes · 11 Comments · 1391 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
गम की मुहर
गम की मुहर
हरवंश हृदय
*बुंदेली दोहा-चिनार-पहचान*
*बुंदेली दोहा-चिनार-पहचान*
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
दर्द ना अश्कों का है ना ही किसी घाव का है.!
दर्द ना अश्कों का है ना ही किसी घाव का है.!
शेखर सिंह
झूठे को कुर्सी मिले,
झूठे को कुर्सी मिले,
sushil sarna
दम उलझता है
दम उलझता है
Dr fauzia Naseem shad
*डॉंटा जाता शिष्य जो, बन जाता विद्वान (कुंडलिया)*
*डॉंटा जाता शिष्य जो, बन जाता विद्वान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
जब तुमने वक्त चाहा हम गवाते चले गये
जब तुमने वक्त चाहा हम गवाते चले गये
Rituraj shivem verma
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
जिसने अपनी माँ को पूजा
जिसने अपनी माँ को पूजा
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
राख का ढेर।
राख का ढेर।
Taj Mohammad
अर्थहीन हो गई पंक्तियां कविताओं में धार कहां है।
अर्थहीन हो गई पंक्तियां कविताओं में धार कहां है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
यादों की तस्वीर
यादों की तस्वीर
Dipak Kumar "Girja"
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Prakash Chandra
3862.💐 *पूर्णिका* 💐
3862.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
"अजीब लोग"
Dr. Kishan tandon kranti
।। श्री सत्यनारायण कथा द्वितीय अध्याय।।
।। श्री सत्यनारायण कथा द्वितीय अध्याय।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कोई जोखिम नहीं, कोई महिमा नहीं
कोई जोखिम नहीं, कोई महिमा नहीं"
पूर्वार्थ
कस्तूरी (नील पदम् के दोहे)
कस्तूरी (नील पदम् के दोहे)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
👍
👍
*प्रणय*
कविता
कविता
Sushila joshi
रफ्ता रफ्ता हमने जीने की तलब हासिल की
रफ्ता रफ्ता हमने जीने की तलब हासिल की
कवि दीपक बवेजा
गीतिका
गीतिका
जगदीश शर्मा सहज
नौ वर्ष(नव वर्ष)
नौ वर्ष(नव वर्ष)
Satish Srijan
स्वतंत्रता दिवस पर विशेष
स्वतंत्रता दिवस पर विशेष
पूनम दीक्षित
सुनले पुकार मैया
सुनले पुकार मैया
Basant Bhagawan Roy
Active रहने के बावजूद यदि कोई पत्र का जवाब नहीं देता तो वह म
Active रहने के बावजूद यदि कोई पत्र का जवाब नहीं देता तो वह म
DrLakshman Jha Parimal
शिलालेख पर लिख दिए, हमने भी कुछ नाम।
शिलालेख पर लिख दिए, हमने भी कुछ नाम।
Suryakant Dwivedi
कल रात
कल रात
हिमांशु Kulshrestha
बदलाव की ओर
बदलाव की ओर
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
Loading...