रचना
जीवन
जीवन की इस पाठशाला में
सीख लिए जीने के रंग ढंग
चोट, आघात, ठेस, पीडा़…
जख्म- घाव सहे हमने भी
मधुशाला की पाठशाला सा
ग़म का प्याला पी, जिए हम
जिसने जिया इसको म़जे से
जीवन, जिया अलग अंदाज से
जीवन की इस पाठशाला में..
गम का प्याला पी, जिए हम
शीला गहलावत सीरत
चण्डीगढ़