रखें सुरक्षित लाज
ऐसे कैसे बेटियाँ, …..रखें सुरक्षित लाज !
दिखें घूमते भेड़िये ,गली गली जब आज !
चलो उठा लो बेटियों,…हाथों मे तलवार !
दिखें जहाँ भी भेड़िये, वहीं उन्हें दो मार !!
आए दिन लुटने लगी, नारी की जब लाज !
इसका करना चाहिए, अब तो हमें इलाज !!
रमेश शर्मा.