रखी
************** राखी **************
*********************************
राखी मेरे हाथ मे , ढूंढू भाई हाथ।
पिछले वर्ष शहीद हुआ,बहना हुई अनाथ।।
आँखें आँसू से भरी, कर भाई को याद।
सीमा पर मर जो मिटा,करूँ रोज फरियाद।।
आज़ादी पर्व आ गया,सदा तिरंगा साथ।
याद शहीदों को करो,दुश्मन को दी मात।।
जिनके हाथों में रखी, देश की शान-बान।
निज हित मे खोने लगे,भारतवर्ष की शान।।
मनसीरत मन बांवरा,देख देश का हाल।
हर तरफ रहे फैलता, माया ठगनी जाल।।
**********************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)