रक्षा बंधन – डी के निवातिया
रक्षा बंधन
सिर्फ भाई बहन का ही नहीं,
सभी से प्रेम का त्यौहार है रक्षा बंधन,
जो भी परवाह करे तुम्हारी,
उनके मान सम्मान का पर्व है रक्षा बंधन,
निराश न हो वो लोग जिनके,
अपना सगा कोई भाई या बहन नहीं,
क्योकि धागे की एक डोर बंधा
प्रेम विश्वास की जीत का धर्म है रक्षा बंधन,
कोई राजा हो या रंक भले ही,
एक दूजे के साथ का वचन है रक्षा बंधन !!
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डी के निवातिया !!