रक्षा दल
रक्षा-दल
गौ रक्षा के नाम पर,
कुछ तत्व लगे हैं काम पर ।
कैसे हैं ये गौ रक्षक,
बने हुए जो नर भक्षक ।
हो गया व्यापक यह रोग है,
शायद राजपक्ष का सहयोगहै ।
गौ रक्षा की ओट मे,
लगे है लूट खसोट में ।
रक्षा पशु या जनधन की,
ड्यूटी है बस शासन की ।
कानून के परचम तले,
पशु पर मानव को तरजीह मिले ।
मानव रक्षक दल बने,
राक्षसी प्रवृति का हल बने ।
राक्षसों का सही इलाज हो,
बस कानून का ही राज हो ।
हर जन की है चाह यही,
मानवता की राह यही ।