रक्षाबंधन
भाई बहन के पवित्र पावन बंधन रक्षा बंधन की हार्दिक बधाई
✒️?जीवन की पाठशाला ??️
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की :-
एक धागे ने ये कैसा बाँधा बंधन
बहन की रक्षा के लिए भाई ने दिया वचन
मरते दम तक निभाउंगा मैं ये कसम
बहन की रक्षा के लिए भाई ने दिया वचन
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की :-
आज अमूमन ना वो धागा है ना वो भाई
आज राखी भी चढ़ गई फैशन की चढाई
प्रेम सूत्र चढ़ गया दिखावे की भेंट
मिठाई की जगह हो गया चॉकलेट का टेस्ट
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की :-
आज बहन क्या लाई कैसा लाई
उसी हिसाब से तो नेग देगा भाई
कहाँ गया वो दर्द -प्रेम -सम्मान
कहाँ गया वो सिर पर हाथ रखने का मान
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की :-
राखी रक्षा सूत्र नहीं खिलौना बन गई
शक्तिमान -डोरेमोन -बैट बॉल रंग चढ़ गई
मोली की जगह रेशमी -चाँदी -सोने की राखी बढ़ गई
बहन के लिए शगुन भी इज्जत -बेजत्ती बन गई
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की :-
कहाँ है बहन कहाँ है भाई
अब तो है बराबरी की लड़ाई
शुद्ध देशी घी के रिश्ते हुए गुमनाम
माया -स्वार्थ -लालच ने ले लिया रिश्तों का नाम
आखिर में एक ही बात समझ आई की :-
फिर भी भारत भूमि पर
रिश्तों का नाम है
कहीं ना कहीं आँखों में शर्म और ईमान है
आज भी जिन्दा हैं त्यौहार और धर्म
बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा ?सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क ? है जरुरी …!
?सुप्रभात?
स्वरचित एवं स्वमौलिक
“?विकास शर्मा’शिवाया ‘”?
जयपुर-राजस्थान
नोट -(मेरा व्यक्तिगत मानना है की किसी भी रिश्ते को निभाने के लिए खून का रिश्ता होना जरूरी नहीं है ,प्रेम -समर्पण -श्रद्धा -शर्म -लिहाज -मान-संपूर्ण विश्वास हो तो अपने भी पराये हो जाते हैं और जहाँ स्वार्थ -लालच -राजनीती -लालसा और विश्वास ना हो तो खून के रिश्ते भी पराये हो जाते हैं .
मैंने देखा है एक बहन को गरीब -अमीर भाई में भेद करते ,मैंने देखा है एक भाई को मध्यम -अमीर बहन में फ़र्क़ करते
सारा खेल दर्द -अहसास -जज्बातों और विश्वास का है ).