रक्षाबंधन का त्यौहार –आर के रस्तोगी
आया रक्षाबन्धन का त्यौहार
लाया भाई-बहन का ये प्यार
बहन सुंदर सा थाल सजाती
रोली राखी व मिठाई लगाती
भाई के माथे पर टीका लगाती
उसको बढ़िया मिठाई खिलाती
फिर हाथ में राखी पहनाती
बढ़िया सा भोजन खिलाती
ये देखा कितना अदभुत प्यार
आया रक्षाबन्धन का ये त्यौहार
राखी नहीं है मामूली सा धागा
ये है बहन की रक्षा का वादा
जो जीवन भर भाई निभाता
कभी नहीं इसको तोड़ पाता
रक्षा के बंधन में बंध जाता
अपना वचन वह सदा निभाता
इसलिए ये धागों का त्यौहार
रक्षाबंधन के नाम से कहलाता
देखा तुमने भाई बहन का प्यार
आया रक्षाबन्धन का त्यौहार
दुनिया में कितने रिश्ते अनेक
यह रिश्ता है लाखी में है एक
ये रिश्ता कच्चे धागे से जुड़ जाता
कभी नहीं इसको कोई तोड़ पाता
ये सावन की पूर्णिमा को मनाया जाता
चाँद गगन में पूरा निकल कर आता
इसका इतिहास सदियों है पुराना
जब से कृष्ण ने द्रोपदी को बहन माना
द्रोपदी ने रक्षा के लिये गुहार लगाई थी
कृष्ण भगवान् ने उसकी लाज बचाई थी
देखा तुमने ये भाई बहन का प्यार
आया रक्षाबन्धन का त्यौहार
लाया भाई-बहन का ये प्यार
आर के रस्तोगी