रक़ीबों के शहर में रक़ीब ही मिलते हैं ।
रक़ीबों के शहर में रक़ीब ही मिलते हैं ।
नसीब वाले को यहां ..हबीब मिलते हैं ।
हर मोड़ पे यहाँ .बिकती है इंसानियत –
रोटियों के वास्ते यहां सलीब मिलते हैं ।
सुशील सरना
रक़ीबों के शहर में रक़ीब ही मिलते हैं ।
नसीब वाले को यहां ..हबीब मिलते हैं ।
हर मोड़ पे यहाँ .बिकती है इंसानियत –
रोटियों के वास्ते यहां सलीब मिलते हैं ।
सुशील सरना