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9 Apr 2018 · 1 min read

रंग

हास्य के “रंग” मैं बिखेर नही सकती,
मुझको गम की काली चादर से इश्क है।
होगा उनको नाज़ अपनी खोखली मुस्कुराहटों पर,
मुझको अपने नमकीन अश्कों पर फ़क्र है।

#सरितासृजना

Language: Hindi
1 Like · 586 Views
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