रंग
हास्य के “रंग” मैं बिखेर नही सकती,
मुझको गम की काली चादर से इश्क है।
होगा उनको नाज़ अपनी खोखली मुस्कुराहटों पर,
मुझको अपने नमकीन अश्कों पर फ़क्र है।
#सरितासृजना
हास्य के “रंग” मैं बिखेर नही सकती,
मुझको गम की काली चादर से इश्क है।
होगा उनको नाज़ अपनी खोखली मुस्कुराहटों पर,
मुझको अपने नमकीन अश्कों पर फ़क्र है।
#सरितासृजना