रंग
निःसंदेह
भारत का गौरव है
हमारा तिरंगा
परन्तु इसमें संयोजित रंग
जिसकी भी बुद्धि की उपज हैं
उसके लिए
साधुवाद कहना आवश्यक है
अनिवार्य है
रंगों का संयोजन
किया है उसने
अद्भुत चतुरता से
बहुत सोच-विचार मांगता है
यह संयोजन।
देखिए न!
हरा रंग है सबसे पहले
सबसे नीचे
जैसे हरी-भरी धरती
हमारे पैरों के नीचे ही रहती है
ऊपर नहीं
धरती के हरे-भरे रहने से ही
किसी भी देश में
रह पाती है समृद्धि
रह पाती है शान्ति
और श्वेत रेग शान्ति का है।
इसीलिए श्वेत रंग
हरे के ऊपर है
देश में शान्ति रहेगी तो
नील गगन की अन्तहीन परिधि
ईश्वरीय ऊर्जा के योग की ओर अग्रसर होगी ही
तभी तो गगन होगा जोगिया
होगा अनन्त ऊर्जा का विस्फोट।