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30 Apr 2017 · 1 min read

रंग सारे छोडकर ( गीत) जितेंद्र कमल आनंद

रंग सारे छोडकर , हम हंस हो गये ।
रंग सारे ग्रहण कर तुम श्याम हो गये ।।

आयीं भले ही ऑधियॉ,आयीं रुकावटे ।
विचलित न हो कर हम तो रहे डँटे ।
भाव के आकाश में गतिमान हो गये ।
हम प्रेम – पंख के बल अविराम हो गये।।

श्रद्धा के माथे पर चंदन लगा दिया ।
हमने अपना अंतस दर्पन बना दिया ।
आकर मेरे समीप तुम दिनमान हो गये ।
हमको देकर दर्शन , अभिराम हो गये ।।
— जितेंद्र कमल आनंद , रामपुर।(उ प्र )
दिनांक ३०-४-१७

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 452 Views

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