Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Sep 2024 · 1 min read

रंग -भेद ना चाहिए ,विश्व शांति लाइए ,सम्मान सबका कीजिए,

रंग -भेद ना चाहिए ,विश्व शांति लाइए ,सम्मान सबका कीजिए,
दिल सभी का जीतिए!@ परिमल

20 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
शासकों की नज़र में विद्रोही
शासकों की नज़र में विद्रोही
Sonam Puneet Dubey
कुछ बीते हुए पल -बीते हुए लोग जब कुछ बीती बातें
कुछ बीते हुए पल -बीते हुए लोग जब कुछ बीती बातें
Atul "Krishn"
- जन्म लिया इस धरती पर तो कुछ नेक काम कर जाओ -
- जन्म लिया इस धरती पर तो कुछ नेक काम कर जाओ -
bharat gehlot
तंग अंग  देख कर मन मलंग हो गया
तंग अंग देख कर मन मलंग हो गया
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
होली की आयी बहार।
होली की आयी बहार।
Anil Mishra Prahari
क्षणिका :  ऐश ट्रे
क्षणिका : ऐश ट्रे
sushil sarna
आप हर पल हर किसी के लिए अच्छा सोचे , उनके अच्छे के लिए सोचे
आप हर पल हर किसी के लिए अच्छा सोचे , उनके अच्छे के लिए सोचे
Raju Gajbhiye
"दिल को"
Dr. Kishan tandon kranti
मोक्ष पाने के लिए नौकरी जरुरी
मोक्ष पाने के लिए नौकरी जरुरी
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
प्रेम.....
प्रेम.....
हिमांशु Kulshrestha
हमने माना
हमने माना
SHAMA PARVEEN
कहां गए बचपन के वो दिन
कहां गए बचपन के वो दिन
Yogendra Chaturwedi
सरहद सीमा मातृभूमि का🙏
सरहद सीमा मातृभूमि का🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
3131.*पूर्णिका*
3131.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ज़ख़्म ही देकर जाते हो।
ज़ख़्म ही देकर जाते हो।
Taj Mohammad
सहयोग की बातें कहाँ, विचार तो मिलते नहीं ,मिलना दिवा स्वप्न
सहयोग की बातें कहाँ, विचार तो मिलते नहीं ,मिलना दिवा स्वप्न
DrLakshman Jha Parimal
जब से मेरे सपने हुए पराए, दर्द शब्दों में ढलने लगे,
जब से मेरे सपने हुए पराए, दर्द शब्दों में ढलने लगे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
गौतम बुद्ध के विचार
गौतम बुद्ध के विचार
Seema Garg
बिटिया  घर  की  ससुराल  चली, मन  में सब संशय पाल रहे।
बिटिया घर की ससुराल चली, मन में सब संशय पाल रहे।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
जल का अपव्यय मत करो
जल का अपव्यय मत करो
Kumud Srivastava
कैसा होगा भारत का भविष्य
कैसा होगा भारत का भविष्य
gurudeenverma198
रास्ते  की  ठोकरों  को  मील   का  पत्थर     बनाता    चल
रास्ते की ठोकरों को मील का पत्थर बनाता चल
पूर्वार्थ
वो न जाने कहाँ तक मुझको आजमाएंगे
वो न जाने कहाँ तक मुझको आजमाएंगे
VINOD CHAUHAN
शापित है यह जीवन अपना।
शापित है यह जीवन अपना।
Arvind trivedi
■ शुभ धन-तेरस।।
■ शुभ धन-तेरस।।
*प्रणय प्रभात*
प्रभु की लीला प्रभु जाने, या जाने करतार l
प्रभु की लीला प्रभु जाने, या जाने करतार l
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
सपना
सपना
ओनिका सेतिया 'अनु '
Enchanting Bond
Enchanting Bond
Vedha Singh
ख्वाब
ख्वाब
Dinesh Kumar Gangwar
गीत
गीत
जगदीश शर्मा सहज
Loading...