# रंग बरसे होली का नीला रंग
कान्हा संग होली खेले गोपियां
पर कान्हा की प्रीत जुड़ी हैराधा से
वही प्रेम मीरा का भी
कान्हा का करे इंतजार
कान्हा की मूर्ति संग खेले मीरा भी होली आज
ऐसी सुध बुध भूली ,भूल गई यह समाज यह जग संसार
जब दिया मीरा को विष का प्याला
ले अपने कान्हा की प्रीत का नाम पी ही लिया वह विष का प्याला
कान्हा का प्रेम वह प्रीत ने कर दिया उस विष के प्याले को अमृत का प्याला
मीरा का वह प्रेम भी इतना गहरा था
उस नीले विश को भी बदल दिया अमृत के प्रेम में!
** नीतू गुप्ता