*रंग पंचमी*
देखो आ गए हैं हुरियार
खेलने पंचमी का त्यौहार
करेंगे रंगों की बौछार
सभी तुम हो जाओ तैयार
गालों पर मल दो तुम गुलाल
मिटा दो सब मन के मलाल
छोड़े ओम् पिचकारी से रंग
पी ली है थोड़ी सब ने भंग
चढ़ेगा जब भंग का रंग
नाचेंगे हिल मिलकर के संग
ओमप्रकाश भारती ओम्
बालाघाट म.प्र.