117. रंग तो प्रेम की परिभाषा है
रंग तो प्रेम की परिभाषा है,
तुम रंगों से अपना प्रेम बता देना ।
प्रेम जो हो तुम्हें अगर तो,
मुझे लाल रंग लगा देना ।।
हो बिछड़न की चाह अगर तो,
माथे पर श्वेत रंग लगा देना ।
तुम बिन हर क्षण रंगहीन है मेरी,
गर तुमसे संभव हो पाये तो,
कुछ रंग मेरे जीवन में भर देना ।।
गर आशक्त हुए तुम तन पर तो,
फिर गाल गुलाबी कर देना ।
आलिंगन कर लो, अपने हृदय से,
अधरों से माथा सहला देना ।।
अगर प्रेम की समझ नहीं है तो,
हाथों में पीला रंग लगा देना ।
किरदार ए इश्क मुमकिन न हो तो,
साथ दोस्ती का बता देना ।।
तुम हार गये दुनिया से तो,
हवा में, नीला रंग उड़ा देना ।
मशहूर प्रीत के किस्से कर,
तुम प्रेम की खुशबू बिखरा देना ।।
रंग तो प्रेम की परिभाषा है,
तुम रंगों से अपना प्रेम बता देना ।।
प्रेम जो हो तुम्हें अगर तो,
मुझे लाल रंग लगा देना ।।
मन मोहन कृष्ण
कवि सह राष्ट्रीय अध्यक्ष
भारतीय मानवता पार्टी
तारीख – 09/03/2019
समय – 01 : 37 (दोपहर)
संपर्क – 9065388391