रंग तुम जिस रोज छू लोगी कहर बरपाओगी।
इश्क जब करने लगोगी तुम कहां रह जाओगी।
मैं न कहता था की खुद से बेखबर हो जाओगी।
सादगी में भी तुम्हारा हुस्न इक तलवार है।
रंग तुम जिस रोज छू लोगी कहर बरपाओगी।
इश्क जब करने लगोगी तुम कहां रह जाओगी।
मैं न कहता था की खुद से बेखबर हो जाओगी।
सादगी में भी तुम्हारा हुस्न इक तलवार है।
रंग तुम जिस रोज छू लोगी कहर बरपाओगी।