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20 Mar 2022 · 1 min read

रंग की वर्षा

रंग की वर्षा अनंग करे,
ऋतुराज उमंग भरे तन-मन में।

गाल गुलाल से लाल रहे,
नित फाग का राग रहे जीवन में।।

द्वेष कपट कुविचार जले,
मधुमास का वास हो मन-उपवन में।

राधा व श्याम का हास-विलास,
निवास करे हर घर-आँगन में।।
✍️ शैलेन्द्र ‘असीम’

Language: Hindi
418 Views

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