— रंग किसी और का तो नही —
मेरी तस्वीर में रंग
किसी और का तो नही
घेर ले मुझे आकर सब
मैं कोई तमाशा तो नही !!
ऐ जिन्दगी तुझ से
हर पल मैं समझोता करूँ
शौंक जीने का तो है
पर इतना भी तो नही !!
इतना भी न बदल देना
तू मुझ को ऐ जिन्दगी
तू मुझे तलाश करे और
मैं तुझ से मिलूँ ही नही !!
जिन्दगी बेशक छोटी दे देना
ओ मेरे जगत के मालिक
दिलों में सब के शामिल रहूँ
कभी वहां से निकलू ही नहीं !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ