रंगों की दुनियाँ निराली
हुलियारों की निकली टोली
सब ने तन मन रंग लिया
राधा संग किसन खेली होली
वृन्दावन रंग लिया
मिले गले , मिटा गिले शिकवे
हर कोई अपने में रंग लिया
जिसने समझी जीवन की सच्चाई
ईमान धर्म में अपने को रंग लिया
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल