रंगीला राजस्थान
कण-कण में जिसके वीरगाथा इतिहास अनूठा
ऐसी राजवंशोंकी धरती से है अपना नाता
संस्कृति और कला में जिसकी अलग पहचान
रंग रंगीला और सजीला हमारा प्यारा राजस्थान
महाराणा प्रताप जिसकी शान वीरता पहचान
भामाशाह और दुर्गादास हुए जहाँ कुरबान
मीरा की भक्ति रस धारा है जिसके नाम
रंग रंगीला और सजीला हमारा प्यारा राजस्थान
प्राचीन दुर्ग और इमारत बढ़ाते जिसकी शान
वीरांगनाओ ने जौहर किया जिस माटी के नाम
कवियों साहित्यकारों ने छेड़ी मधुर तान
रंग रंगीला और सजीला हमारा प्यारा राजस्थान
देव यहाँ रमण कर जाते नर नारी करते यशगान
पूर्व में हरियाली पश्चिम में टीलो की चादर
ऊंचे ऊंचे पर्वत छूते मेघों को दिन रात
रंग रंगीला ओर सजीला हमारा प्यारा राजस्थान
सीधा सादा वेश यहाँ का मीठी सी है बोली
त्यौहारों की धूम तीज, गणगौर रहे या होली
अनोखे वाद्ययंत्र और नृत्य बढाते जिसकी शान
रंग रंगीला और सजीला हमारा प्यारा राजस्थान