रंगत है
हाथ वक्त से छूटा दिखी सभी की रंगत है
साथ वक्त के चलना वक्त की जरूरत है
किसी की खुशियो को रौंद कर कभी न चला
खिले चेहरों से हमेशा मिली हमे राहत है
हमे जो भी लगा प्यारा दूर हो गया हमसे
है खुदा ने लिखी हमारी ऐसी ही किस्मत है
कुछ चराग जलाकर रौशन तो कर लिया आंगन
दिल मे दफन हमारे बहुत सी शिकायत है
सबने ही चेहरे पर अपने लगा रखा मुखौटा
कौन अपने कौन पराये बडी मुसीबत है