प्रिय आये हैं
जल तरंग
बज उठा मन में
आयी बदरा
मन प्रसन्न
बरसा बहार में
घुली कजरा
प्रिय आये हैं
जलसेतु बाँध दो
चलो कहार
खुशी के संग
नाचे मन मयूर
तन हमार
सावन आया
पहुंचे प्रियतम
करो विहार
यौवन छाया
कर ले जीवन में
प्रेम “कुमार”
©कुमार ठाकुर