योग
हमारे सनातन धर्म मे मानव कल्याणकारी मानसिक शारीरिक आत्मिक स्वास्थ संमृधि हैतु रिऋि मुनि व संत योगियों द्वारा योग की खोज की गयी योग मात्र आसन और प्रानायाम ही नहीं योग अध्यात्मिक जीवन शैली है जिसका उद्देश्य आत्मा और ईश्वर का साक्षातकार है सत्य अहिन्सा आस्तेय बृम्हचर्य यम तथा शौंच संतोष स्वाध्याय अपरिहार ईश्वरप्रानाधान नियम पालन अ ति आवश्यक है सनातन धर्म और ईश्वर के प्रति आश्था योग साधना हैतु जरूरी है तभी औंकार स्थिती यानी आत्मा का परमात्मा से साक्षातकार संभव हो सकता है