*योग शब्द का अर्थ ध्यान में, निराकार को पाना ( गीत)*
योग शब्द का अर्थ ध्यान में, निराकार को पाना ( गीत)
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योग शब्द का अर्थ ध्यान में, निराकार को पाना
(1)
वह खालीपन में मिलता है ,जो खाली हो जाते
पास न रखते तनिक बचाकर ,जन वे उसको पाते
आसन-प्राणायाम-यम-नियम, वातावरण बनाते
यह शरीर अनुकूल हुआ तो ,ईश दौड़कर आते
नाम-रूप से परे साध कर, साधक ने है जाना
(2)
करो योग उसके होकर ,फिर कृपा उसी की पाओ
कृपा मिली यदि उसकी तो फिर, सहज उसे पा जाओ
कला नहीं है यह पाने की ,इसमें केवल खोना
उसकी यादों में खो – खोकर, उसका केवल होना
जीवन का उद्देश्य सरल है ,सहज-भाव अपनाना
(3)
लक्ष्य यही मानव जीवन का, निराकार को पाऍं
भावों में भर उठें हृदय से, हम उसके हो जाऍं
योग मनुजता की पूॅंजी है, मनुज इसे अपनाऍं
जाति -धर्म से परे योग के, पथ पर सारे आऍं
ऋषियों का यह ज्ञान सनातन, अमर-तत्व चमकाना
योग शब्द का अर्थ ध्यान में निराकार को पाना
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 9997615451