*योग-ज्ञान भारत की पूॅंजी, दुनिया को सौगात है(गीत)*
योग-ज्ञान भारत की पूॅंजी, दुनिया को सौगात है(गीत)
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योग-ज्ञान भारत की पूॅंजी, दुनिया को सौगात है
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(1)
आदिकाल से योग-क्रिया को, ऋषियों ने बतलाया
यह सॉंसो की कला अनूठी, निर्मल इससे काया
मिली योग से स्वस्थ देह, सदियों से हम को ज्ञात है
(2)
सदियों से जन विविध योग के, आसन रहे लगाते
योग एक विज्ञान सॉंस, जिसमें लय से ले जाते
हर रहस्य ब्रह्मांड-पिंड का, पाता इससे मात है
(3)
यह है केवल योग हमें जो, गहन ध्यान में लाता
तन के भीतर आत्म-तत्व का, छिपा पता मिल जाता
योग किया जिस ने वह बोला, वाह-वाह क्या बात है
योग-ज्ञान भारत की पूॅंजी, दुनिया को सौगात है
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451