ये है बेशरम
आओ यारो देखलो तुम भी, मुखड़ा इश शैतान का .
बांध पुलंदा बेच रहा है अपने ही ईमान का …
………ये है बेशरम ये है बेशरम .
झूट बोल कर दौलत इसने ,बेशुमार कमाई है
पुत्र कलत्र न यारो इसका,कोई नही सगा ही है
आँख मूँद कर बैठा है ज्यों, स्वान शिशु का भाई है
मन में नाम हरी का जपता, मिथ्या देत दुहाई है
पाप की गठरी बांध रहा है, ना डर है भगवान का….
बांध पुलंदा बेच रहा है अपने ही ईमान का …
……..ये है बेशरम ये है बेशरम .
लालच के आधीन हो गया, मेरा मेरा करता है
इसका खाता उसका खाता ,पेट ना इसका भरता है..
लोमड सम चालाक बना है , नीच दुस्ट्ता करता है
काक भांति चतुराई करता , धन ये सबका हरता है
धर्म का इसको बोध नहीं है ,जाया है हैवान का
बांध पुलंदा बेच रहा है अपने ही ईमान का …
……ये है बेशरम ये है बेशरम .
..रमेश शर्मा..