ये है अपना नवापुरा
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ये है अपना नवापुरा,
नाज इसे व्यापार से|
बागोड़ा में है पहचान इसकी,
कानाराम के कांटा से|
महिमा इसकी सबसे न्यारी,
कपड़े के व्यापार से|
चारों तरफ फैला है कस्बा,
नवापुरा के बाजार से|
ये है अपना नवापुरा…………
पूरब में जो बना आश्रम,
महिमा अपरंपार है|
संत थे मदननाथ इसके,
महादेव का दरबार है|
विद्यालय है वाटेरा रास्ते पर,
महादेव का दरबार है|
पूरब में है शोभा इसकी,
बगोटी के बाजार से|
ये है अपना नवापुरा…………
बाईपास बना उत्तर में,
आम्बाराम की दुकान है|
आम्बाराम की दुकान के पास,
एक बड़ा चौराया है।
पाँच रास्तों को वो घेरता,
उसकी एक अलग ही पहचान है|
श्री कृष्ण गौशाला है ऐसी,
बागोड़ा में पहचान है|
महादेव-आश्रम विराजे,
सुविशाल हनुमान हैं|
पूरब की शोभा है प्यारी,
बागोड़ा के बाजार से|
ये है अपना नवापुरा………….
उत्तर में है बना गौशाला,
श्री कृष्ण गौशाला है|
गौशाला और मामाजी का मंदिर,
ये कस्बे की शान हैं|
गाँव में शोभा पाते,
माँ अंजनी हनुमान हैं|
नवापुरा की शोभा बढ़ती है,
बागोड़ा के बाजार से|
ये है अपना नवापुरा………….
दक्षिण में है बनी स्कूल,
यह बच्चों की शान है|
हीराराम किराणा की दुकान,
पश्चिम मुखी हनुमान हैं|
हिन्दू दल मंदिर में,
पंचमुखी हनुमान हैं |
दक्षिण की शोभा है न्यारी,
वाटेरा के बाजार से|
ये है अपना नवापुरा………..
गांव के मध्य में महादेव विराजें,
हनुमतजी का धाम है|
दक्षिण गोगा जी देव विराजें,
मंदिर श्री महादेव है|
पानी पीने की सुविधा सुख-समृद्धि,
गाँव वाले सभी लोगों का साथ है|
शान बढ़ी है भीनमाल में इसकी,
टेक्सी बस-आगार से|
ये है अपना नवापुरा………..
खुशहाली व समृद्धि है,
जन-जन के व्यवहार से|
ये है अपना नवापुरा……..
गांव के परकोटे से आठ रास्ते,
गढ़ रास्ते सात हैं|
अपने-अपने घर में सभी राजा,
नामकरण आधार हैं|
प्रतिकृति भीनमाल की कस्बा,
वैसा ही आकार है|
‘शंकर’ कवि वर्णन करता,
शुद्ध हृदय के प्यार से|
ये है अपना नवापुरा,
नाज इसे व्यापार से|
बागोड़ा में है पहचान इसकी,
किराणा के बाजार से|
कवि शंकर आँजणा नवापुरा
धवेचा बागोड़ा जालोर