ये हैं बेटियां
आन – बान
घर की शान
खिली मुस्कान
मान सम्मान
ये है बेटियां।
वात्सल्य ममता
स्नेह उमड़ता
प्रेम बरसता
रिश्ता बनता
ये है बेटियां।
धीर गंभीर
न हों अधीर
सुनें पीर
राजा फकीर
ये हैं बेटियां।
ह्रदय विशाल
शांत वाचाल
स्थिर भूचाल
कर्म तत्काल
ये है बेटियां।
जल – थल
धरा विकल
नभ विह्वल
मिलें तो कल
यै हैं बैटियां।
मन से शांत
उद्वेलित विक्रांत
नही अक्रांत
न हो क्लांत
ये हैं बेटियां।
स्वरचित मौलिक सर्वाधिकार सुरक्षित
अश्वनी कुमार जायसवाल कानपुर 9044134297
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