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14 Oct 2024 · 1 min read

ये हक़ीक़त है ज़िंदगानी की,

ये हक़ीक़त है ज़िंदगानी की,
साथ खुशियों के ग़म का साया है।
हम पे एहसान ज़िंदगी न जता,
क़र्ज़ हर सांस का चुकाया है।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद

1 Like · 16 Views
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