ये सब को पता है कि बीमारी फैली है
ये सब को पता है कि बीमारी फैली है
फिर भी बाजार में मारामारी फैली है
ये कैसा निजाम है परिक्षाएं करा रहा है
और पुरे मुल्क में महामारी फैली है
कहते हैं घर घर चलकर रोजगार आएगा
गांव में यही खबर सरकारी फैली है
कल मुशाफिरों कि टोली ठहरी होगी यहां
देखों पेड़ के निचे रोटी तरकारी फैली है
जितने भी किए जांए इंतजाम कम हैं
देश के युनाओं में इतनी बेकारी फैली है
कौन देगा इन मासुम से हाथों में किताब
मेरे समाज के बच्चों में बेगारी फैली है
तनहा खुलकर रखता है राय अपनी
हर गली मोहल्ले में ग़ज़ल हमारी फैली है