ये सच है ।
कुछ बाते सच्ची है । कुछ अफवाएं है बदनामी की ।
ये तो कुछ लोगो की फितरत है । आग में घी डालने की । ना सच को सुनना पसंद है ना जानने की कोशिश ।
ये ही तो कमी है लोगो मे । बिना जाने बहुत कुछ मन से कहने की ।
कभी कभी कुछ अफवाह भी किसी की ज़िंदगी खराब कर देती है । जान ले लेती है । पर यहाँ किसको पड़ी है किसी को समझने की ।
वक़्त का पन्ना भी कभी कभी पलट वार कर ही देता है । जो कभी किसी पर बीता हो । वह तुम पर भी असर कर देता है । जो कभी किसी को ना समझने की गलती की तब वो खुद को समझने के लिए गुजारिश किया करता है ।
वक्क्त सभी का आता है । एक वक्क्त लेकर के अपने साथ ।
जो कभी सोचा नही । वो गुजर जाता है खुद के साथ ।।
तकलीफें सभी को होती है और कुछ बंदिशें होती है कुछ न कर पाने की ।।
ये जिंदगी ही ऐसी है । किसी के सपने बंदिशो ओर बदनामियों में टूट जाते है ।और कुछ जीते जी मर जाते है ।