ये शहर की उदासी
ये शहर की उदासी
आ गई क्यों गाँव मे
तीखे धूप की बरसात
क्यों होने लगी छाँव मे
थोड़ी दूर चलकर ही पानी भर गया जिसमे
मैं चढ़ा ही क्यों इस नाव में
काँटे तो काँटे . अब तो फूलों से भी
जखम होने लगे पाँव मे।
ये शहर की उदासी
आ गई क्यों गाँव मे
तीखे धूप की बरसात
क्यों होने लगी छाँव मे
थोड़ी दूर चलकर ही पानी भर गया जिसमे
मैं चढ़ा ही क्यों इस नाव में
काँटे तो काँटे . अब तो फूलों से भी
जखम होने लगे पाँव मे।