ये विद्यालय हमारा है
ये विद्यालय हमारा है हमें प्राणों से प्यारा है।
रखें सुंदर करें पूजा यही मंदिर हमारा है।।
पढ़ेंगे आज सँवरे कल सिखाते हैं हमें गुरुजन।
समझ जाओ समय रहते बताते हैं हमें गुरुजन।
अगर मानें मिले मंज़िल नहीं मुश्क़िल किनारा है।
ये विद्यालय हमारा है हमें प्राणों से प्यारा है।
रखें सुंदर करें पूजा यही मंदिर हमारा है।।
करेंगे ऐश अब हम तो हमें कल हँस चिढ़ाएगा।
ख़ुशी का हर नज़ारा फिर भुला दूरी बनाएगा।
भुलाया वक़्त जिसने भी सदा रोया वो हारा है।
ये विद्यालय हमारा है हमें प्राणों से प्यारा है।
रखें सुंदर करें पूजा यही मंदिर हमारा है।।
करे जो ज्ञान की पूजा सितारे तोड़ लाए वो।
कहा गुरु का सदा माने हवा रुख मोड़ लाए वो।
लिए सपने करे पूरे ये विद्यालय की धारा है।
ये विद्यालय हमारा है हमें प्राणों से प्यारा है।
रखें सुंदर करें पूजा यही मंदिर हमारा है।।
आर. एस. ‘प्रीतम’