ये लम्हा लम्हा तेरा इंतज़ार सताता है ।
ये लम्हा लम्हा तेरा इंतज़ार सताता है ।
मोहब्बत का जादू हमें रोना रुलाता है ।
तू जानता है फिर भी ज़ुल्म कर बैठा ।
हर बार मेरी मोहब्बत को ही आज़माता है ।
Phool gufran
ये लम्हा लम्हा तेरा इंतज़ार सताता है ।
मोहब्बत का जादू हमें रोना रुलाता है ।
तू जानता है फिर भी ज़ुल्म कर बैठा ।
हर बार मेरी मोहब्बत को ही आज़माता है ।
Phool gufran